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Showing posts from June, 2021

टेलीविजन स्टूडियो की संरचना और समाचार कक्ष की संरचना

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टेलीविज़न स्टूडियो जिसे टेलीविजन प्रोडक्शन स्टूडियो कहा भी जाता है एक ऐसा कक्ष है जहाँ ऐसे शो, कार्यक्रम, बनाये जाते हैं जो टीवी पर प्रसारित होने वाले है या प्रसारित सीधे हो रहे होते हैं। जो कार्य लाइव चलते रहते है उन्हें स्टूडियो में सीधे ही एडिटिंग किया जाता रहता है और जो कार्यक्रम बाद में प्रसारित होने वाले हैं उन्हें बाद में एडिट करके निश्चित समय पर प्रसारित कर दिया जाता है। एक बड़े न्यूज़ चैनल में सामान्यतः आमतौर पर कई कमरे होते हैं जिसमे कार्य के स्तर पर विभाजन हुआ रहता है। ये कमरे talkback या मोबाइल या टेलीफोन के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। टेलीविजन स्टूडियो की संरचना स्टूडियो NDTV INDIA TELEVISION SET टेलिविज़न कक्ष की संरचना मोटे तौर पर देखा जाए तो टीवी के समाचार कक्ष की संरचना दो हिस्सों में विभाजित होती है 1)इनपुट और 2)आउटपुट। जो कुछ भी सूचनाएं, विज़ुअल, फोटोज खबर आदि आते कहीं से आते हैं वो पहले इनपुट में ही आते हैं और अंतिम रूप में जो टीवी पर प्रसारित हो रहा होता है वो आउटपुट कहलाता है। INPUT:- इसके जरिए खबरों और सूचनाओं को रिपोर्टर हासिल करते हैं, ये टीवी न्यूज चैनल्स ...

CSR (CORPORATE SOCIAL RESPONSIBILITY)

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कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व भारत अपने आदर्श संस्कृति और परोपकार की भावना के साथ सभ्यता को अभिन्न रूप में देखता और मानता है। इसी के चलते व्यापारिक मूल्यों में भी सामाजिक जीवन का विचार विद्यमान हुआ दिखता है। आज के आधुनिक युग में कॉरपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के साथ-साथ औद्योगिकीकरण का विस्तार भी हुआ है। ऐसे में यह भी देखा गया है कि भारत और विश्व के अन्य देशों में केवल कॉरपोरेट में कुछ ही चुनिंदा व्यक्ति हैं जिन्होंने सामाजिक स्तर से जुड़कर व्यक्तिगत स्तर पर अपना योगदान, समाज में देने का प्रयास किया है। उदाहरण के लिए बिल गेट्स, रतन टाटा, अजीम प्रेमजी आदि। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility या "CSR") एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय निजी व्यवसाय है जो स्व-नियमन है। संपत्ति के मालिकाना हक के रूप में देखें तो विश्व के लगभग 1% आबादी के पास ही ज्यादातर संपत्ति है, लेकिन सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में देखें या परखें तो देखते हैं कि इनकी भूमिका बेहद ही निराशाजनक है। CSR क्या है? कार्पोरेट सामाजिक उत्तरद...

लोक प्रशासन संस्थाएं और मीडिया द्वारा इसके छवि निर्माण में भूमिका

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‘लोक प्रशासन’ का सीधा संबंध आम लोगों से है इन्हीं से इनकी महत्वता है। दूसरे शब्दों में ‘ लोक प्रशासन’ के अंतर्गत वे सभी क्रियाएं सम्मिलित हैं जिनका क्रियान्वयन या संचालन सरकार या सरकार द्वारा आज्ञा प्राप्त किसी लोक संस्था के द्वारा किया जाता है। सरकार द्वारा कराई जाने वाली क्रियाएं व्यापक, सार्वजनिक और लोक हित को ध्यान में रख कर होती हैं।इसलिए उन्हें लोक प्रशासन के मंडल में सम्मलित किया जाता है। यदि हम ‘ फिफ़नर और प्रेस्थस ‘ के प्रशासन की परिभाषा को आधार बनाएं तो कह सकते हैं कि ” जब किसी प्रयोजन या उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मानवीय तथा भौतिक संसाधनों का संगठित तथा निर्देशित करने का कार्य सरकार या सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी निकाय( संस्था) के द्वारा किया जाता है तो वह लोक प्रशासन कहलाता है। लोक प्रशासन में वे सभी क्रियाएं सम्मिलित की जाती हैं, जिनका संबंध लोक-नीति का निर्माण करने एवं उसको कार्यान्वित करने से है। यदि हम ‘लोकप्रशासन’ के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो ‘लोकप्रशासन’ दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, जिसमे लोक का अर्थ जनसमूह से है और प्रशासन अंग्रेजों भाषा के शब्द ADMIN...

भारत की 5 सबसे ज्यादा सुरक्षित कारें

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जब आप कार लेने जाते हैं तो आप क्या देखते हैं, की उस कार का माइलेज कितना है और वह कार चलाने में कितना कम्फ़र्टेबल है, पर क्या आप उसे उस कार को सुरक्षा की दृष्टि से देखते हैं कि वह कितनी सुरक्षित है? ज्यादातर लोगों का जवाब शायद होगा नहीं, क्योकि उन्हें इसके बारे में शायद पता नहीं है या वो ये देखना नहीं चाहते। ऐसे में दुर्घटना होने पर जान – माल के खतरे का होना स्वाभाविक ही है । पर आप टेंशन न लें हम आप के लिए ऐसी पांच कारे लाए हैं जो आपके बजट के साथ बिल्कुल फिट बैठेगा और जो सुरक्षा मानकों पर भी आगे रहेगा। भारत की पांच सबसे ज्यादा सुरक्षित कारें MAHINDRA MARAZZO @carwale Bharat की पांच सुरक्षित कारों में से पाचवे नंबर पर महिंद्रा मराज़ों कार है। जिसको सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो 5 स्टार में से 4 स्टार मिला है। कार के ईंधन की क्षमता की बात करें तो 45 लीटर है जो कि डीज़ल पर चलती है और 300 एन एम का तर्क जनरेट करती है। इसमें आराम से 7 से 8 लोग बैठ सकते हैं। इस कार की mileage 17.33 किलोमीटर पर लीटर है और इसकी शुरुआती कीमत 12.03 लाख रुपये से 14.12 लाख रुपए के बीच है(शो रुम कीमत)। MAHIN...

कॉरपोरेट (कंपनी) और मीडिया

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PIC CREDIT:- @FORBES बीते कुछ दशक में मीडिया का विस्तार जिस प्रकार हुआ है उससे टीवी चैनलों, अखबारों और रेडियो स्टेशनों की संख्या लगातार बड़ी है, लेकिन इसी दौरान हम देखें तो यह साफ पता चलता है की बड़े कॉरपोरेट घरानों की, मीडिया में दिलचस्पी बढ़ी है और इसमें वे खुलकर निवेश कर रहे हैं भारत में जो मीडिया का नया ट्रेंड है उसमें काफी संख्या में छोटे और मझोले चैनल और अखबार भी शुरू हुए हैं लेकिन प्रसार के मामले में बड़े मीडिया समूह के सामने वह टिक नहीं पाते। लिहाजा कॉरपोरेट के साथ मीडिया के संबंध से 2 सवाल उठ रहे हैं। पहला यह कि क्या पुनर्सिप का यह पैटर्न पत्रकारिता के लिए चिंताजनक है और दूसरा यह कि क्या बड़े कॉरपोरेट के मीडिया में उतरने से छोटे समूहों के लिए खतरे की घंटी बजी है। अमेरिका में 6 मीडिया समूह का वहां के 90 फ़ीसदी कंटेंट पर कब्जा है। क्या ऐसी चैनल से बहुलता गायब होने की आशंका बढ़ी है, क्या मार्केट में जो बड़ी मछली होगी वह पूरे तालाब पर राज करेगी। आज के युग में उभरते बाजार में नया रिलेशन ने जगह ले लिया है। जिसमें प्राइवेट ट्रीटी या दो कंपनियों के बीच होने वाले समझौते प्र...

आपदा प्रबंधन (मीडिया के संदर्भ में)

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आपदा प्रबंधन हाल ही के दिनों में हमनें देखा कि जिस तरह उत्तराखंड के चमोली(2021) में तबाही का मंजर था और जिस तरह मीडिया ने खबर को कवर किया है एक बहुत बड़ी चुनौती थी। पर मीडिया में इस आपदा को लेकर मीडिया संस्थान कई positive तो कई negative रूप में नजर आए, लोगों ने भी इसपर चर्चा की। अभी मई 2021 में आए ताउते चक्रवात की चर्चा भी मीडिया में जोरों से हो रही है। पर इसके साथ यह देखना जरूरी है कि मीडिया का इन सब आपदाओं में क्या भूमिका रही है? क्या मीडिया ने इन आपदाओं के पहले या बाद कोई आपदा प्रबंधन कार्यक्रम चलाया है या आपदा के बाद उसका फॉलो अप लिया है? पिछले 10 से 20 सालों के बीच की तुलना करें तो मीडिया ने आपदा के क्षेत्र में अपने दायित्व को समझा तो है पर अब भी ऐसे मीडिया संस्थान कम ही है जिनके चैनल पर दैनिक, साप्ताहिक या मासिक रूप से कोई स्लॉट दिया गया हो। ऐसी खबरे तभी आती हैं जब आपदा का अलार्म बजने की संभावना होती है पर फिर भी मीडिया में आपदा प्रबंधन का मुद्दा पहले की तुलना में तो विकसित हुआ है। किसी आपदा का प्रभावित क्षेत्र एक बहुत बड़ा भाग या भू पृष्ठ हो सकता है ऐसे में इसका प्रभा...